meri Shayari
Saturday, March 23, 2013
इंतज़ार गुलाब के खिलने का हैं .
कुछ सुनहरे पल के आने का हैं
वोह तो वक़्त लगते ह खिलने में ...
और हम इंतज़ार में कतलेआम होते गए
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